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लेखनी प्रतियोगिता -21-Apr-2022

अगर मिले जो फुरसत तो हमें याद कर लीजिएगा….
एक पल‌ ही सही, हमारे नाम पे बर्बाद कर लीजिएगा….

कसम तुम्हारी कि एक हिचकी से खुश हो जायँगे….
चंद लम्हों में ही सही पर खुल‌ कर तो मुस्कुराएंगे….

जानते हैं, अब तेरे दिल में ना हासिल वो मुकाम होगा…
तेरे होंठों पर ना कभी भी अब वापस मेरा नाम होगा….

मजबुर हो कर बिछड़े तेरे इतना पास आने के बाद….
सच कहा कि साहिल छुट जाते हैं मिल जाने के बाद….

मुबारकबाद तुम्हें इस बदली धुन, बदले हुए राग की….
हम अंधेरे के आदी हैं, हमें जरूरत नहीं चिराग की….

रास्ते बदले, मंजिलें बदलीं, बदल गये सब रिश्ते नाते….
किसे हम अपना कहते, किसे दिल का हाल बताते….

बहुत बहाए आंसू, अब बीते वक्त को पड़ेगा भूलाना….
तेरी खुशी के लिए हमें, आगे बढ़ कर पड़ेगा दिखाना….

प्यार भले ही ना भरें, पर रिश्ते को पूरा सम्मान देंगे….
दर्द से राहत मिले हमें, वो रिश्ते को हम पहचान देंगे…


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11 Comments

Simran Bhagat

22-Apr-2022 05:23 PM

👍🏻👍🏻

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Punam verma

22-Apr-2022 08:32 AM

Nice

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Abhinav ji

22-Apr-2022 08:01 AM

Nice👍

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